रद्दी से लाइब्रेरी एक अनूठी पहल है जिसके अंतर्गत भारत देश का वो तबका जो शिक्षा प्राप्त कर एक सम्मान भरा जीवन गुजारना चाहता है, अपने सपनों को सच करना चाहता है, परन्तु पैसे और साधन के आभाव में शिक्षा से वंचित रह जाता है , को शिक्षा हेतु नि:शुल्क पुस्तकें उपलब्ध करवाना है। जिस से वो भी शिक्षा प्राप्त कर इस देश के विकास निर्माण में सहयोग दे सके।
समस्त विधार्थी, कवि, साहित्यकार, वकील एवं शिक्षाविद जिन्हें अच्छी व शिक्षाप्रद पुस्तकें पढ़ने व रखने का शौक है ऐसे लोग एवं उनके परिजन बहुमूल्य पुस्तकों को रद्दी में नहीं बेचकर इस पहल के अंतर्गत उन पुस्तकों को डोनेट कर सकते हैं।
"रद्दी से लाइब्रेरी" वन्देमातरम दी प्राइड ऑफ़ नेशन ट्रस्ट द्धारा पुरे भारत वर्ष में संचालित किया जा रहा है। इस पहल के अंतर्गत इस देश के प्रत्येक व्यक्ति से अपील है कि अच्छी व शिक्षाप्रद पुस्तकें रद्दी में ना बेचें, सामान्यता एक घर में हर दो-तीन महीने में एकत्रित रद्दी पुस्तकें एवं कागज बेचने पर बमुश्किल सौ-दो सौ रुपए मिलते हैं। इस महंगाई में ये रुपए कहां खर्च हो जाते हैं, मालूम भी नहीं पड़ता। लेकिन यही पुस्तकें अगर आप रद्दी में ना बेचकर इस पहल में डोनेट करते है तो यही पुस्तकें उन बच्चों की पढ़ाई और भविष्य संवारने में मददगार हो सकती हैं, जिनके पास पढाई के लिए पुस्तकें खरीदने हेतु पैसा नहीं है। अगर आप ऑनलाइन पढाई में काम आने वाले पुराने चालू हालत के गैजेट जैसे लेपटॉप, टैब, मोबाइल आदि भी रद्दी में बेच रहें हैं तो आप नहीं बेचे, अपितु संस्था को डोनेट कर दें। संस्था द्धारा इन पुराने गैजेट की मरम्मत करवाके छात्रों के शिक्षण कार्य में उपयोग किया जायेगा। इस अभियान को अब पूरे देश भर में विस्तारित करने की तैयारी है जिससे ज्यादा से ज्यादा बच्चों को फायदा मिल सके।